Hanuman Chalisa Lyrics No Further a Mystery
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥अगर आप हनुमान चालीसा को पी
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥अगर आप हनुमान चालीसा को पी